यह स्वाद का नहीं पेट का मामला है।
पेट में दर्द है ?क्या कब्ज की शिकायत रहती है ,गले की जलन ने परेशान कर रखा है ?हां भई हां..... ऐसे जाए की आपकी समस्या समाधान रसोई और मसालदान छिपा है तो ?
भारतीय रसोई का जिक्र छिड़े और उसके स्वाद के चटकारो का जिक्र ना हो ,उसके मसालों और हर्ब्स की खुशबू की चर्चा ना हो, भला यह कैसे हो सकता है। दुनिया के कोने - कोने में इनका डंका बोलता है। वो, यूं ही नहीं है रसोई में मौजूद मसालदान स्वाद से भरा होने के साथ ही साथ खूबियों से भी भरपूर है। उसमें मौजूद तमाम मसाले और हर्ब्स हमें सेहत का वरदान देते हैं। उसमें से ढेरों ऐसे हैं जो आपके पेट और हाजमे की समस्या को झट से दूर करने की कुव्वत रखते हैं। हां, यह बात अलग है कि कई बार हम उनकी इस खूबी को जानते -पहचानते नहीं है।
अदरक आएगी काम
अदरक, क्या हुआ ? थोड़ी कसेली जरूर होती पर यकीनन आपकी रसोई में भी उसका इस्तेमाल किसी न किसी शक्ल में होता होगा। अगर नहीं तो आज से ही शुरु कर दीजिये।अदरक में एंटीमाइक्रोबियल खूबी होती है। मतलब यह खराब बैक्टीरिया को नष्ट करने का काम करती है। जिसके चलते बदहजमी ,मिचली से लेकर पेट फूलने तक के लिए रामबाण साबित होती है। पाचन के साथ हीं वजन को नियंत्रित करते हैं। द कंपलीट बुक आफ आयुर्वैदिक होम रैमडिजकी माने। तो खाने के पहले थोड़ी - सी अदरक कुछ बूँद नींबू का रस और एक चुटकी नमक के मिश्रण को खाएं। हाजमे की परेशानी दूर हो जाएगी।
उसकी याद आपको कब आती है ?सलाद ,रायते आदि के स्वाद में इज़ाफ़ा करने या फिर गले में खराश होने। पर ,क्या कभी उसे आपने पेट की समस्या के लिए प्रयोग किया है ? हैरानी हो रही है ? पर सच है कि छोटी - सी काली मिर्च खुद में ढेरों खुशियां को समेटे है। उसमें मैग्नीशियम , विटामिन -के,सी और फाइबर की मौजूदगी होती है। इसके सेवन से लार और गैस्ट्रिक जूस की मात्रा बढ़ती है। जिसके चलते गैस, कब्ज और दस्त आदि से राहत मिलती है। यह मिर्च हाजमे को भी एकदम दुरुस्त रखती है, एसिडिटी से भी बचाती है और भूख को बढ़ाती है।अगर आपको पेट दर्द की समस्या रहती है तो आप रोज खाली पेट एक चम्मच शहद के साथ- 2 काली मिर्च पीसकर खा सकती हैं।
लौंग को भी आजमाएं
लॉन्ग में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन -सी, कैल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर सरीखे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। लॉन्ग में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीस्पामोडीक गुण पाचन तंत्र को ठीक रखते हैं। आप चाहे तो लॉन्ग वाली चाय पी सकती हैं। बस उसमें जरा - सा नमक डाल दें। इस चाय को सुबह - सुबह या रात में पिए। या फिर लोंग का पानी भी पिए आपके काम आएगा। लॉन्ग सीधे चबाकर भी खाई जा सकते हैं। आप 2 -3 लौंग को आग में भूनकर भी खा सकते हैं।
दालचीनी है काम की
अक्सर दादी -नानी के नुस्खों में अपन या नाम सुना होगा यह साल आपके शरीर को गर्म रखने के साथ ही रक्त संचार को भी संतुलित रखता है। और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण भी होते हैं इसका प्रयोग आपको अल्सर से बचाता है या नहीं आपके पाचन को दुरुस्त रखता है। इसमें मौजूद मिनरल मैगनीज फाइबर और एसेंशियल ऑयल पेट संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं। दालचीनी मिलाकर पिया जा सकता है दस्त रोकने के लिए दिन में दो बार पानी के साथ 3 ग्राम दालचीनी का इस्तेमाल करें उसके साथ दालचीनी, अदरक, और जीरे का पाउडर बराबर मात्रा में मिलाकर एक चम्मच मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को दिन में 2 से 3 बार लेने से दस्त में राहत मिलती है। दालचीनी पाउडर और शहद की जुगलबंदी भी खासी कारगर होती है।
हल्दी लाएगी रंग
हल्दी एंटीसेप्टिक है या तो आप जानती हिन् होंगी | पर अब यह भी जान लीजिए कि और सूजन कम करने में भी उपयोगी साबित होती है। उसके प्रयोग पर चलते गैस नहीं बनती, बदहजमी से निजात मिलती है। साथ ही यह लीवर के लिए भी खूब अच्छी होती है। लीवर की समस्या के लिए हल्दी का पानी किसी औषधि से कम नहीं है। हल्दी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
पिपरमेंट देगी ठंडक
पिपरमेंट का नाम आते हैं उसकी खुशबू का ख्याल आ जाता है। बस वही सुगंध आपके पेट के लिए कारगर साबित होती है। यह आपको रिफ्रेश तो करती हैं, चाहते हैं ठंडक देती है जिसके चलते एसिडिटी में कमी आती है।
फायदेमंद है लहसून
चटनी या फिर दाल में लहसुन का तड़का। भई वाह ,स्वाद दोगुना हो जाता है। पर, इससे इतर इसमें तमाम औषधीय गुणों के साथ ही एंटीमाइक्रोबॉयल खूबी भी मौजूद है। यह पेट को दुरुस्त रखने के साथ ही दिल को भी दुरुस्त रखता है। आप चाहे तो इसका प्रयोग खाली पेट कैप्सूल की तरह कर सकती हैं या फिर खाली पेट लहसुन को पानी में खोला कर उस पानी को भी पिया जा सकता है।
भूख बढ़ने के लिए सौंफ
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