Sunday, March 8, 2020

जकड़ न ले ये अकड़न

जकड़ न ले ये अकड़न 
(Female backpain)

सुबह उठने पर शरीर में होने वाली अकड़न आम बात है। लकिन इसे हल्के में लेना भारी पर सकता है। जोड़ों में होने वाले समान्य दर्द के पीछे बड़े कारण हो सकतें है। 

a woman with painबीस साल पहले का समय याद करूं तो दादी की फुर्ती देखते बनती थी। सुबह मेरा और उनका साथ ही उठना होता था। मां कभी कमर दर्द की शिकायत भी कर दे तो ताना मिलता था ,हमसे ज्यादा तो ये बुढ़ी हो गई है। जब मैं मां की उम्र की हुई ,तो मैं भी उनकी तरह कभी कमर दर्द तो कभी जोड़ों के दर्द  की शिकायत करने लगी। शरीर को अकड़न और जोड़ों का दर्द अब उम्र का तकाजा देखकर नहीं आता। सुबह आंख खुलने के बाद बिश्तार से नीचे पाँव रखने में करीब पंद्रह मिनट लग जातें हैं। कभी कंधे अकड़े होते हैं ,तो कभी एड़ियां दर्द से कराह रही होती है। पैर मोड़ो तो घुटना जवाब देने लगता है। दो दशकों के फासले में तेज हो चुकी है। सुबह -सुबह होने वाली ये अकड़न और दर्द कुछ कहानी हैं ,आप भी सुनें :

ये संकेत हैं बीमारियों के (Female backpain)

खानपान और जीवनशैली है जिम्मेदार (Female backpain)
हमारा खानपान  और जीवनशैली किसी गैजेट्स  फीचर्स की तरह तेजी से बदलने लगे हैं।  इसके कारण 60 की उम्र में होने वाली समस्याएं अब 40 की उम्र में होनी शुरू हो चुकी है।बाहर का खाना हमारी जीवनशैली का हिस्सा बन चूका है।   सिर्फ सुविधाओं की प्राथमिकता देने की हमारी आदत ने हमारा ध्यान से भटका दिया है दरवाजे पर  आने वाला खाना कैसा है हमें नहीं पता इसके अलावा जल्दबाजी और स्वाद के कारण जंक फूड को हम इस कदर अपना चुके हैं कि शरीर को पर्याप्त पोषण  नहीं मिल पाता। नियमित रूप से इस तरह के भोजन का सेवन करने से खून में विषाक्त तत्वों की मात्रा बढ़ती है।  यहां समझने की जरूरत है कि दवा दुकानों में मिलने वाले सप्लीमेंट खाद्य पदार्थों से मिलने वाले प्राकृतिक पोषण की भरपाई नहीं कर सकते।  इसके अलावा खराब जीवनशैली भी शरीर में होने वाले इस अकरम के लिए खासी जिम्मेदार है। लगातार  बढ़ रही व्यस्तता के कारण व्यायाम व प्रकृति से हमारा नाता टूट -सा गया है। घरों के भीतर रहना , सूर्य की पर्याप्त रोशनी ना मिल पाना और नींद का खड़क टाइम टेबल भी हड्डी और मांस पेशियों की तकलीफों का जिम्मेदार है।

 कुछ कदम उपचार की ओर (Female backpain)

  • समस्या का उपचार उसके कारणों पर नियंत्रण से होता है। बात हार्मोन में बदलाव की हो या पोषण की ,आपको अपने भोजन पर ध्यान  ज़रुरत है। आपको तय करना होगा कि शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिले।  कई दफा फिगर का ख्याल रखने के चक्कर में की गई  डाइटिंग  भी पोषण में कमी ला देती है।  वजन कम करने के लिए किसी भी प्रकार का है डाइट अपनाने से अच्छा है कि आप संतुलित आहार लें और नियमित रूप से व्यायाम करें

  • जोड़ों में होने वाले  दर्द के लिए में कैल्शियम की कमी भी ज़िम्मेदार होती है। शरीर  में कैल्शियम की दरकार को पूरा करने के लिए चिकित्सक की सलाह से कैल्शियम और विटामिन -डी का सप्लीमेंट ले सकती हैं। 
  • विटामिन - डी को प्राकृतिक तौर पर लेने की कोशिश जरूर करें विटामिन डी शरीर में कैल्शियम को हड्डियों तक पहुंचाने का काम करता है।  विटामिन -डी की कमी से शरीर के भीतर कैल्शियम बेकार हो जाता है।  इसके लिए हर सुबह 20 मिनट 50% खुले बदन  में सूरज की रोशनी में बिताएं। 
  • जीवनशैली कितनी भी व्यस्त हो, 30 मिनट टहलना  ना भूलें टहलने से रक्त संचार अच्छा होता है और विषाक्त शरीर में जमा नहीं हो पाते। 
  • सुबह उठने पर शरीर में होने वाली अकड़न  को हल्के में न लें। इसे गंभीर समस्या बनने से पहले चिकित्सकीय सलाह  जरूर लें। 
  • सिंकाई और  तेल मालिश वाले नुस्खे का इस्तेमाल भी चिकित्सक की सलाह के अनुरूप 

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